बड़हलगंज में स्वाइन फ्लू की दस्तक, एक बीमार
नए साल में स्वाइन फ्लू ऑफ सीजन में पांव पसारने लगा है। बड़हलगंज के सिधुआपार में एक व्यक्ति में इस बीमारी की पुष्टि हुई है। उनका इलाज लखनऊ के निजी अस्पताल में चल रहा है। इस सूचना के बाद गांव में हड़कम्प की स्थिति है।
बड़हलगंज के रहने वाले श्रवण जायसवाल की तबीयत चार दिन पहले खराब हुई। परिजन उन्हें लेकर पास के अस्पताल गए। इलाज से हालत में सुधार नहीं हुआ। जहां से उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया गया। बुधवार को परिजन उन्हें लेकर लखनऊ पहुंचे। लखनऊ में केजीएमयू और पीजीआई में बेड न मिलने पर परिजनों ने निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
पीजीआई में हुई नमूने की जांच : लखनऊ के निजी अस्पताल में डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू होने का संदेह जताया। उन्होंने जांच के लिए नमूना लखनऊ के पीजीआई भेजा। पीजीआई की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया। पुत्र शुभम ने बताया कि स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। उनकी हालत नाजुक है। इलाज के लिए केजीएमयू या पीजीआई में भर्ती कराने की कोशिश की जा रही है।
मार्च-अप्रैल में फैलती है बीमारी
बीआरडी मेडिकल कालेज के माइक्रोबॉयोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अमरेश सिंह ने बताया कि जनवरी में ठंड अधिक है। दिन में पारा 20 डिग्री सेल्सियस के काफी नीचे रह रहा है। आमतौर पर यह बीमारी का ऑफ सीजन है। अमूमन स्वाइन फ्लू के वायरस मार्च-अप्रैल में ज्यादा सक्रिय होते हैं। दिन में तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच यह वायरस सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है।
जानलेवा बीमारी है स्वाइन फ्लू
स्वाईन फ्लू संक्रामक बीमारी है। यह एच-वन एन-वन वायरस से होता है। इसके लक्षण सर्दी-जुकाम वाले ही होते हैं। सही समय पर इलाज न मिलने पर इससे मरीज की मौत हो जाती है। स्वाइन फ्लू जांच के लिए संदिग्ध मरीज के गले से लार(स्वॉब) का नमूना लिया जाता है। जिसकी जांच के बाद स्वाइन फ्लू की तस्दीक होती है।
इन लोगों को है ज्यादा खतरा
स्वाइन फ्लू सामान्य लोगों की तुलना में बच्चों, गर्भवती महिलाओं, डायबिटीज के मरीज, हृदय रोगी में होने की आशंका ज्यादा होती है। इसकी मुख्य वजह हे इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता का समान्य लोगों की तुलना में कमजोर होना।
लक्षण
- जुखाम के साथ नाक से पानी आना
- गले में खरास
- आंखें लाल होना
- बुखार आना
- सांस लेने में तकलीफ
- कमजोरी और थकान महसूस होना
सावधानी बरतें
- पुष्टि के बाद मरीज से पांच फिट की दूरी बनाएं
- मरीज को अलग कमरें में रखें
- तौलिया अलग कर दें
- भीड़भाड़ वाले स्थान पर न निकलें
- हाथ मिलाने से बचें
- मास्क लगाएं
- नाक व मुंह छुने पर साबुन से हाथ धुले
- सर्दी-जुखाम व बुखार आने पर बिना डॉक्टरी सलाह पर दवाएं न लें
वर्जन
यह गंभीर मामला है। शनिवार को मरीज के घर पर विभाग की टीम जाएगी। मरीज के संपर्क में रहने वाले लोगों को बीमारी से बचाव के लिए टेमीफ्लू की गोलियां दी जाएंगी।
डॉ. श्रीकांत तिवारी, सीएमओ