पीएफ घोटालाः वाराणसी समेत पूर्वांचल भर के बिजलीकर्मियों का आंदोलन शुरू, मुख्यालय पर किया प्रदर्शन

पीएफ घोटालाः वाराणसी समेत पूर्वांचल भर के बिजलीकर्मियों का आंदोलन शुरू, मुख्यालय पर किया प्रदर्शन


 











पीएफ घोटाले के विरोध में सोमवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विभागीय कर्मचारियों और अभियंताओं ने 48 घंटे का कार्य बहिष्कार आंदोलन शुरू कर दिया। वाराणसी में शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के भिखारीपुर स्थित कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान एसडीओ से लेकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी कार्यालय में कामकाज प्रभावित हुआ। कैश काउंटरों पर भी ताले लटके रहे। सोमवार को बनारस समेत पूर्वांचल निगम के जिलों में लगभग 20 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हुई। कार्य बहिष्कार मंगलवार को भी होगा। 48 घंटे के आंदोलन से आपात सेवाओं को अलग रखा गया है लेकिन लोकल फाल्ट अटेंड न करने की कई शिकायतें सामने आईं हैं। इससे बिजली आपूर्ति में बाधा पड़ी। वहीं पूर्वांचल के अन्य जिलों में भी बिजलीकर्मियों ने धरना प्रदर्शन औऱ कार्य बहिष्कार किया।


पूर्वांचल के एमडी कार्यालय पर प्रदर्शन के दौरान डीएम कौशलराज शर्मा और एसएसपी प्रभाकर चौधरी भी पहुंचे। उन्होंने कर्मचारी नेताओं से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और अरातक तत्वों से सतर्क रहने की हिदायत दी। प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के संवेदनशील उपकेन्द्रों पर पुलिस नजर रख रही है। इससे पूर्व अभियंता, जेई व कर्मचारी सुबह 10 बजे डिस्कॉम कार्यालय पहुंचे और धरने पर बैठ गए। वहां हुई सभा में संघर्ष समिति के संयोजक आरबी यादव ने कहा कि 48 घण्टे के कार्य बहिष्कार के लिए प्रबंधन व नौकरशाहों का हठवादी रवैया जिम्मेदार है। ऊर्जा विभाग के नौकरशाह ही पीएफ राशि के भुगतान की जिम्मेदारी लेने से प्रदेश सरकार को रोक रहे हैं। वे सरकार को गुमराह कर रहे हैं।


जयशंकर राय ने कहा कि हम सरकार से तत्काल पीएफ के 26 अरब रुपये नहीं बल्कि गारण्टी की मांग कर रहे हैं ताकि बिजली कर्मचारी निश्चिन्त होकर कार्य कर सकें। वर्ष 2000 में प्रदेश सरकार ऐसी ही गारंटी ले चुकी है, जिसका गजट भी उपलब्ध है। ऐसे में अब सरकार जिम्मेदारी लेने से क्यों कतरा रही है। प्रदर्शन की अगुवाई मनीष श्रीवास्तव और संचालन राजेंद्र सिंह ने किया। इस दौरान आरके वाही, चंद्रशेखर चौरसिया, मायाशंकर तिवारी, आरबी सिंह, सुनील यादव, शशि किरण मौर्य, फरेंद्र राय, राम कुमार, राजेन्द्र कुमार, जगदीश पटेल, अंकुर पांडेय, जीउत लाल, मदन लाल, रमाशंकर पाल, हेमंत कुमार, वीरेंद्र सिंह, संतोष वर्मा, जेपी एन सिंह समेत सैकड़ों बिजली कर्मचारी मौजूद रहे। 


पूर्व चेयरमैन को करें गिरफ्तार
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि नियमों का उल्लंघन कर कम ब्याज पर जीपीएफ और सीपीएफ ट्रस्ट के 4122.7 करोड़ रुपये दागी कंपनी डीएचएफएल में जमा किए गए। इसमें 1854.8 करोड़ तो मिल गए लेकिन 2267.9 करोड़ डूब गए। इसके बावजूद पॉवर कारपोरेशन के पूर्व चेयरमैन की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। उन्होंने पूर्व चेयरमैन के गिरफ्तारी की मांग की। 


पहले दिन 20 करोड़ की वसूली प्रभावित
बिजलीकर्मियों और अभियंताओं के कार्यबहिष्कार के चलते सोमवार को जिले में लगभग पांच करोड़ रुपए की राजस्व वसूली प्रभावित हुई। इसमें शहरी क्षेत्र में लगभग चार करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र में एक करोड़ रुपयों की वसूली नहीं हो पाई। यही स्थित मंगलवार को भी रहेगी। आसान किस्त योजना में पंजीकरण भी नहीं हुआ। पूर्वांचल निगम के सभी जिलों में लगभग 20 करोड़ की राजस्व आय प्रभावित हुई है। 














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